स्टॉक मार्केट की भाषा में जब कंपनियां अपने निवेशकों को कंपनी की इनकम मेंसे सभी तरह के टैक्स और देनदारी हटा कर बचे हुए मुनाफे में से कुछ हिस्सा नकद के रूप में प्रति शेयर के हिसाब से देती हैं तो उसे डिविडेंड कहते हैं।
Dividend कितने प्रकार का होता है?
फाइनेंसियल ईयर रिजल्ट और Quarterly result पर डिविडेंड देने के अनुसार Dividend के दो प्रकार हैं –
1. Interim Dividend (अंतरिम लाभांश)2. Final Dividend (अंतिम लाभांश)
Interim Dividend(अंतरिम लाभांश)
जब कोई कंपनी अपने Quarterly Result के साथ या फिर Financial Year खत्म होने के पहले ही अपने निवशकों को डिविडेंड देने का फैसला लेती है तो उसे Interim Dividend (अंतरिम लाभांश) कहते हैं।
Final Dividend(अंतिम लाभांश)
अंतरिम लाभांश के विपरीत , जब कोई कंपनी financial year खत्म होने पर फाइनल रिजल्ट के बाद डिविडेंड देने का फैसला लेती है उसे Final Dividend (अंतिम लाभांश) कहते हैं।
Dividend से जुड़ी महत्वपूर्ण तारीख :- 1
Dividend Declaration date : इस तारीख़ वाले दिन कंपनी अपने शेयर होल्डर्स को और न्यूज़ में यह डिक्लेअर करती है कि वह मुनाफे का कुछ अंश यानि की डिविडेंड अपने निवशकों को देना चाहती है।
Dividend से जुड़ी महत्वपूर्ण तारीख :- 2
Last Cum-dividend date/Ex-Dividend date : जैसा की इसके नाम से पता चल रहा है , यह वो डेट है जिसके बाद यदि आप कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो आपको उस समय डिक्लेअर किये गए Dividend का कोई लाभ नहीं मिल सकेगा।
Dividend से जुड़ी महत्वपूर्ण तारीख :- 3
Record date : इस दिन डिविडेंड देने वाली कंपनी अपनी रिकॉर्ड बुक चेक करके यह पता करती है कि किन -किन लोगों के पास उनकी कंपनी के शेयर हैं और किन किन लोगों ने Ex-Dividend date के बाद शेयर खरीदा है।
Dividend से जुड़ी महत्वपूर्ण तारीख :- 4
Dividend Payout Date : यह वह तारीख होती है जिस दिन कंपनी के निवेशकों को Dividend उनके खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
Dividend का सबसे बड़ा फ़ायदा है इसके द्वारा मिलने वाली राशि में हर बढ़ते हुए साल के साथ इसमें भी बड़ोतरी होती रहती है क्युकी कंपनी का मुनाफा बढ़ता रहता है और Dividend भी बढ़ता रहता है।