[2022] PFI (Popular Front Of India) क्या है और इसका काम क्या है जिसे सेंट्रल गवर्नमेंट ने किया बैन?

PFI Banned:आज कल आप सभी ने न्यूज़ चैनल्स पर PFI Banned की खबर को जोरो शोरो से चलते हुए देखा ही होगा। PFI India Banned की न्यूज़ जैसे हो खबरों में आई ,जगह जगह हो हल्ला होने लगा है। पर क्या आपको पता है कि PFI जिसका फुल फॉर्म है Popular Front of India क्या होता है ? वे लोग जो किसी प्रकार के exam की तयारी में लगे हैं उनके लिए यह एक जनरल अवेर्नेस का प्रश्न हो सकता है कि PFI banned क्यों ट्रेंडिंग में है दूसरा पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया क्या होता है ? PFI का काम क्या है ? आपके इन्ही प्रश्नो का उत्तर देने के लिए यह ब्लॉग आर्टिकल लिखा गया है ? चलिए फिर आर्टकिले को पूरा पढ़ें और जानिए Popular Front of India in Hindi me, PFI India banned latest news in Hindi.  

Popular Front Of India- PFI क्या है? | PFI Meaning in Hindi  

आइए जानते हैं कि PFI है क्या और पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया के कार्य क्या हैं ? PFI जिसका फुल फॉर्म है Popular Front of India है की स्थापना दक्षिड़ भारत के तीन मुस्लिम संगठनो (KFD,NDF,MNP) का विलय करके एक पॉपुलरत फ्रंट ऑफ़ इंडिया यानी पीएफआई का रूप 17 फरवरी 2007 को देकर किया  गया था। कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (KFD), केरल के नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) और तमिलनाडु के मनिता नीति पसरई (MNP) यह वो तीन संगठन है जिनके विलय से PFI India की नीव पड़ी।  इन तीनो संगठनों की पकड़ मुक्यता इन तीन बड़े कर्नाटक ,केरल  और तमिलनाडु राज्यों के साथ साथ ने दक्षिड़ राज्यों में भी पाई जाती है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया का मुख्यालय भारत की राजधानी नई दिल्ली में है।

PFI क्या काम करता है ?

PFI India पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का मुख्य कार्य  मुसलमानों के साथ वंचितों के हक में आवाज उठाना, मुसलमानो के अधिकार के लिए लड़ना और उन्हें सशक्त बनाने का है।अल्पसंख्यकों, दलितों और हाशिए पर पड़े समुदायों के अधिकारों के लिए लड़ने का काम करता है PFI India. पीएफआई मुसलमानों के बीच सामाजिक और इस्लामी धार्मिक कार्यों को करता अरहा है। 

PFI Banned Latest News in Hindi 

पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया पर पहली छापेमारी 15 राज्यों में 96 जगहों पर 22 सितंबर को ताबड़तोड़ छापेमारी की गई थी। PFI India से से जुड़े करीब 100 छोटे-बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया था।  Popular front of India पर दूसरे राउंड की छापेमारी देश के 8 राज्यों में 27 सितंबर दिन मंगलवार को की NIA-ED के द्वारा की गई थी जिसमे लगभग  200 से अधिक कैडर्स को गिरफ्तार अथवा हिरासत में लिया गया था

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PFI banned न्यूज़ से हम वाकिफ हैं, यह तो जान लिया की PFI क्या होता है। आइये अब जानते हैं कि किन कारणों से सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा PFI पर बैन क्यों लगाया गया है ? पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया पर बैन लगाने के पीछे कुछ कारण आपको नीचे बताये गए हैं , जैसे :

  • हाल ही में न्यूज़ में हमने देखा की किस प्रकार NIA और अन्य राज्यों की पुलिस एजेंसियों ने किस प्रकार PFI India के कई ठिकानो पर छापे मारे।
  • छापेमारी की इस मुहीम में लगभग 250 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस की इस छापेमारी और गिरफ़्तारी को कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला।
  • दक्षिण भारत ही नहीं बल्कि उत्तर भारत में भी जब भी कोई बड़ी घटना हुई है , शुरू से ही उन घटनाओ का जिम्मेदार विवादित संगठन पीएफआई को  ठहराया जाता है। 
  •  फिर चाहे नागरिकता संशोधन कानून (NRC क्या है? पढ़िए) के दौरान शाहीनबाग हिंसा हो , जहांगीरपुरी हिंसा हो, कानपुर हिंसा हो, राजस्थान के करौली में हिंसा, मध्य प्रदेश के खरगौन में हिंसा और कर्नाटक में भाजपा नेता की हत्या, देशभर में हुई इन सभी हिंसाओं और हत्याओं में इस पीएफआई संगठन का नाम सामने आ चुका है। 
  • PFI India पर गठन के बाद से ही भारत विरोधी और समाज विरोधी गतिविधियोन में लिप्त होने की खबर और आरोप लगते आए हैं। 
  • सेंट्रल सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस संगठन पर पहले से ही बैन करने की की मांग हो रही थी।
  • साल 2016 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया संगठन पर आरएसएस से जुड़े नेता की हत्या का आरोप लगा था। 
  • एनआईए-ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी और पुख्ता सबूत मिलने के बाद बाद केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया को बैन करने का बड़ा फैसला लिया है। 
  • केंद्रीय एजेंसियों  द्वारा PFI India के टेरर लिंक को लेकर मिले सबूतों के आधार पर गृह मंत्रालय ने पीएफआई इंडिया और उसके साथ साथ 8 सहयोगी संगठनों पर पांच साल का प्रतिबन्ध लगाने क फैसला किया है। इन्ही कुछ वजहों के चलते ही PFI India पर बैन लगाया गया है। 

PFI के साथ साथ इन संगठनो पर भी बैन :-

केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, पीएफआई इंडिया पर प्रतिबन्ध लगने के साथ साथ 8 अन्य सहयोगी संगठनों को भी पांच साल के लिए बैन कर दिया गया है। इनके नाम हैं :

  1. रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF)
  2. कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI)
  3. ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC)
  4. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO)
  5. नेशनल वीमेन फ्रंट
  6. जूनियर फ्रंट
  7. एम्पावर इंडिया फाउंडेशन
  8. रिहैब फाउंडेशन केरल 
पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया और अन्य ऐसी संस्थानों पर बैन से क्या होगा ?

PFI एवं अन्य सहोयगी संस्थानों पर प्रतिबन्ध लगने से निम्नलिखित फायदे होंगे :

  • PFI के साथ 8 संस्थानों पर प्रतिबन्ध लगने से सबसे बड़ा फ़ायदा टेरर लिंक कमजोर पड़ने का होगा।
  • पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया अब अगले 5 साल तक एक्टिव नहीं हो सकेगा।
  • PFI पर बैन होने के बाद न ही PFI का कोई दफ्तर चल सकेगा और वह न तो अब कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकता है।
  • Popular front of India न तो किसी से अब कोई फंड ले सकता है और न भेज सकता है साथ ही नाही वह अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कोई सदस्यता अभियान चला सकता है.
  • PFI पर प्रतिबन्ध का निष्कर्ष यह निकलता है कि अब किसी भी तरह की गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता है।
PFI Banned | पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया पर बैन के कारण | पीएफआई प्रतिबन्ध से जुडी पूरी खबर 

 

निष्कर्ष:

आशा करता हूँ की आप सभी को Popular Front of India PFI क्या है ?, PFI India Ban क्यों हुआ , PFI के कार्य क्या हैं जैसे प्रश्नो की जानकारी मिल गई होगी। इस आर्टिल्स को अपने दोस्तों को खास कर जो किसी प्रकार का एग्जाम की तयारी कर रहे जरूर शेयर करें।