[2022-2023] अपने शेयर्स को उधार देकर उनके ब्याज से कमाए पैसे , जानिए कैसे?
स्टॉक मार्केट में निवेश हर कोई करना चाहता है , कोरोना के बाद से Demat account खुलने की संख्याओं में वृद्धि भी हुई है। इससे यह पता चलता है कि किस प्रकार शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या बढ़ी है। अमूमन स्टॉक मार्केट में पैसा कमाने का जरिया लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट , ट्रेडिंग , डिविडेंड होता है जिससे ज्यादातर लोग वाकिफ है। इन्ही कुछ वजहों से लोग स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुवात करते हैं। आज हम आपको स्टॉक मार्केट में पैसा कमाने के एक नए तरीके के बारे में बताने चल रहे हैं। इस तरीके के बारे में शायद ही आपने कहीं सुना होगा। और यदि जिन्होंने सुना भी होगा तो उन्हें इस विषय की पूरी जानकारी नहीं होगी। हम बात करने चल रहे हैं SLB की , यानि की सिक्योरिटी लेंडिंग एंड बोरोइंग की। आइए फिर जानते हैं कि SLB क्या होता है? SLB में आप पैसे कैसे कमा सकते हैं। लेख और पूरा पढ़ें और SLB क्या होता है जानिये जिससे की आप और पैसे कमा सकें।
जानकारी में आज
SLB का फुल फॉर्म क्या है? SLBM Full-Form
SLB के बारे में जानने से पहले आइए जानते हैं , SLB का फुल फॉर्म। SLB को आप SLBM भी कह सकते हैं जिसका फुल फॉर्म होता है Security Lending and Borrowing Scheme.
SLB क्या होता है ? What is SLB Meaning in Stock Market in Hindi
जी हाँ आपने ऊपर सही पढ़ा , स्टॉक मार्केट में आप केवल लोंगटर्म निवेश करके या ट्रेडिंग करके ही पैसा नहीं कमा सकते। बल्कि SLB के जरिये भी आप स्टॉक मार्केट से पैसा कमा सकते हैं। चलिए जानते हैं फिर SLB क्या होता है। जिस प्रकार आप बैंक से लोने लेते हैं तो बैंक आपके दिए लोन पर इंटरेस्ट चार्ज करता है और उसकी कमाई होती है। या फिर आप जिस प्रकार किसी को ब्याज पर उधार देकर पैसे कमाते हैं। उसी प्रकार आप अपने डीमैट अकाउंट में रखे शेयर्स को उधार देकर उसपर इंटरेस्ट देकर अपनी कमाई कर सकते हैं।
ध्यान दें कि यदि अगर आपके पास Zerodha डीमैट अकाउंट है तभी आप इस सुविधा का लाभ उठा सकते है। SLB एक लीगली एप्रूव्ड माध्यम है जहाँ सिक्युरटीज़ को उधार में देतें और लेते हैं। SLBM के लिए रेग्युलेशन मूल रूप से मई 1997 में SEBI द्वारा बनाया गया था और आख़री बार नवंबर 2012 में इसमें संसोधन किया गया था।
SLB के अंतर्गत आमतौर पर शॉर्ट सेलिंग करने के लिए शेयर को उधार लिया जाता है। जैसा मैंने आपको बताया ,लोन की तरह ही SLB में इंटरेस्ट रेट और लोन का पीरियड होता है। यह शेयर उधार देने और लेने वाले आपसी सहमति से आपस में तय करते हैं।
आसान भाषा में समझे तो यह उसी प्रकार यही जैसे बैंक के लाकर में रखे आपके सोने पर आपको कोई ब्याज दे उसे कुछ समय के लिए उधार लेकर और जिसकी लेनदेन की निगरानी खुद बैंक रखे।
SLB में इंटरेस्ट रेट कैसे तय होता है?
SLB में इंटरेस्ट रेट उस स्टोक की कीमत और मंथली बेसिस पर तय किया जाता है की लेंडर कितने प्रतिशत के हिसाब से अपने डीमैट में रखे शेयर बोरोवर को देगा। लेंडर अपने शेयर को नियम के अनुसार केवल 12 महीनों के लिए ही उधार दे सकता है। सब अच्छी बात यह है की ,शेयर उधार देने वालों को उधारी के पीरियड के बीच में कभी भी अपने शेयर वापस मांगने का पूरा अधिकार होता है।
यह भी पढ़ें :
Zerodha औऱ Upstox में Trading Account kaise Kholen in Hindi
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्या है? | Sovereign Gold Bond (SGB) Scheme in Hindi
SLB Security Lending and Borrowing Scheme की प्रक्रिया क्या है ?
SLB आखिर क्या होता है ये तो हमने मोटा मोटा जान लिया पर इसकी प्रक्रिया क्या है आइए अब वह जानते हैं। नीचे स्टेप्वॉइस हम जानेगे :
- लेंडर्स यानि की जो अपने शेयर को उधार के रूप में देना चाहता है , पार्टिसिपेंट के साथ स्टॉक, जितने शेयर उधार देने है उसकी क्वांटिटी, लेंडिंग फ़ीस, जितने समय के लिए उधार देना चाहता है (12 महीने मैक्सिमम) ,उस समय अवधि को बताते हुए आर्डर प्लेस करता है।
- लेंडिंग फ़ीस प्रति शेयर के आधार पर कोट किया जाता है।
- अब बारोअर पार्टिसिपेंट के साथ स्टॉक, लेंडिंग फीस ,समय अवधि, और क्वांटिटी को बताते हुए आर्डर प्लेस करता है जो वह पे करने के लिए तैयार है। यह दोनों प्रक्रिया उसी तरह है जिस तरह आप स्टॉक एक्सचेंज में शेयर खरीदते और बेंचते हैं।
- आर्डर प्लेस होने के बाद लेंडर यानि को जो स्टॉक उधर देना चाहता है उससे एक्सचेंज 25% स्टॉक वैल्यू की मांग करता है।
- यह इसलिए किया जाता है कि ताकि यह सुनिश्चित हो सके की वाकई लेंडर स्टॉक उधार देने के लिए राजी है।
- वही दूसरी और बोरोवेर से 125% स्टॉक प्राइस का सिक्योरिटी के रूप में रखा जाता है।
SLB प्रक्रिया के कुछ महत्वपूर्ण शर्ते
SLB प्रक्रिया की जरुरी बातें :
- लेंडर के पास स्टॉक को उधार देने से पहले उस स्टॉक की कुल वैल्यू मिनिमम 1 लाख होनी चाहिए।
- उधार लेने वाले को मिनिमम 500 स्टॉक्स उधार लेना ही होगा।
- SLB ऑर्डर पर 20% प्रोसेसिंग शुल्क + GST लागू है।
आखिर ट्रेडर्स शेयर्स क्यों उधार लेते हैं?
जैसा की आपको मैंने ऊपर बताया कि SLB के अंतर्गत आमतौर पर शॉर्ट सेलिंग करने के लिए शेयर को उधार लिया जाता है। जब किसी शेयर पर ट्रेडर्स का व्यू नेगेटिव होता है। यानि की शेयर का फ्यूचर प्राइस आज के मौजूदा स्टॉक प्राइस से कम होता है। ट्रेडर एसएलबी से उस शेयर को उधार में लेकर बेच देता है। जब शेयर की कीमत में गिरावट आती है तो ट्रेडर उस शेयर को निचले लेवल पर वापस खरीद कर लेंडर को लिए हुए शेयर्स वापस लौटा देता है। इस शार्ट सेलिंग में बिक्री और खरीद मूल्य के बीच के अंतर में से ब्याज घटाने के बाद जो रकम बचती है वह ट्रेडर का प्रॉफिट होता है।
ब्याज पर दिए स्टॉक्स के बोनस शेयर्स और डिविडेंड उनका क्या ?
SLB स्कीम की सबसे अच्छी बात यही है कि आप ब्याज पर दिए स्टॉक्स पर तो पैसे कमाते ही हैं। साथ ही साथ उस स्टॉक पर मिलने वाले डिविडेंड और बोनस शेयर्स पर भी आपका पूरा हक़ रहता है। जब तक आपके शेयर बरोवर के पास यहीं उस समय के भीतर मिलने वाले डिविडेंड और स्टॉक स्प्लिट साथ ही साथ बोनस शेयर आपके ही होंगे।
निष्कर्ष:
आशा करता हूँ की आप सभी को SLB (सिक्योरिटी लेंडिंग एंड बॉरोइंग) से जुड़े सवालों को जानकारी मिल गई होगी। यदि आपको यह लेख अच्छा लगे तो कृप्या कमेंट करके जरूर बताएं और यदि आर्टिकल अच्छा लगे तो इसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर जरूर करें।
धन्यवाद !
Bahut dhanywad apka bhai, ji jaroor ap hamare blog ke bell icon ko jaroor dabae