सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड SGB क्या होता है? | Sovereign Gold Bond (SGB) in Hindi
Sovereign Gold Bond Scheme 2021-2022: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्या है ? सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कैसे खरीदें, गोल्ड बांड के फायदे।
Sovereign Gold Bond Scheme 2021-2022 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और भारत सरकार 17 मई, सोमवार से शुरू करने जा रही है। Sovereign Gold Bond में आप 5 दिन तक यानी की 17 मई से 21 मई तक निवेश कर सकते हैं,जिसके बाद 25 मई को बॉन्ड इश्यू होगा।24 मई से 28 मई तक गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज के लिए सब्सक्रिप्शन खुलेगा,1 जून को गोल्ड बॉन्ड इश्यू किए जाएंगे। 31 मई से 4 जून तक गोल्ड बॉन्ड की तीसरी सीरीज आएगी,इसके लिए गोल्ड ब़न्ज 8 जून को जारी होगा।
12 जुलाई से 16 जुलाई सॉवरेन गोल्ड बांड की चौथी सीरीज का सब्सक्रिप्शन ओपन होगा और बांड 20 जुलाई को इशू होगा। 9 अगस्त से 13 अगस्त को पांचवी सीरीज ओपन होगी , इसका इशू 17 अगस्त को होगा।
तो यदि आप सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम में एक सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं और आपको नहीं पता की सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम क्या है ? तो हमारे इस ब्लॉग आर्टिकल को पूरा पढ़ें। आपको यहाँ पूरी जानकारी दी गोई है कि Sovereign Gold Bond कैसे खरीदें और इसके फायदे क्या हैं।
भारत में सोने (Gold) के बने आभुषणों की बड़ी एहमियत और मांग है। भारत में कोई भी तीज-त्यौहार हो, शुभ मुहूर्त हो या फिर निवेश करना हो, सोना खरीदना सबसे एहम माना जाता है। भारत में सोने की इस मांग को पूरा करने के लिए विश्व भर में सबसे ज्यादा सोने का आयात भारत करता है। भारत प्रतिवर्ष लगभग 800 से 900 टन सोने का आयात करता है। सोने के आयात की इस मात्रा और फिजिकल गोल्ड पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने “सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड” स्कीम की शुरुवात की। आज हम जानेगें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्या है? गोल्ड बॉन्ड कैसे खरीदें और Sovereign Gold Bond (SGB) Scheme के फायदे क्या हैं ? आइए फिर जानकारी4U के इस पोस्ट के माध्यम से जानते हैं कि गोल्ड बांड स्कीम क्या है और हमारे लिए यह कैसे फायदेमंद है….
जानकारी में आज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्या है?|What is Sovereign Gold Bond Scheme
सरकार की ‘सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड‘ जिसे SGB स्कीम भी कहते हैं , सोने में निवेश करने की एक सरकारी योजना है जिसकी शुरुवात केंद्रीय बजट 2015-16 में हुई थी। एक खास कैलेंडर के हिसाब से हर वित्तीय वर्ष (Financial year) में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया RBI एक बॉन्ड जारी करता है जिसे Sovereign Gold Bond SGB कहते हैं। SGB गोल्ड बांड स्कीम में सबसे छोटा बॉन्ड 1 ग्राम सोने के बराबर रखा गया है। एक व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है।
मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉमर्स (वाणिज्य मंत्रालय) के एक आंकड़ों के अनुसार सोने का आयात, जिसका देश के चालू खाते के घाटे (CAD-करंट अकाउंट डेफिसिट) पर असर पड़ता है, 2019-20 के दौरान 14.23% गिरकर 28.2 बिलियन डॉलर हो गया था। वर्ष 2018-19 में Gold का आयात 32.91 अरब डॉलर था। इन आंकड़ों से पता चलता है कि भारत सरकार एक बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा सिर्फ सोने के आयात पर खर्च करती है। विदेशी मुद्रा को बचाने और लोगों को फिजिकल गोल्ड के बजाए बांड में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को शुरू किया गया है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम कैसे काम करती है?
गोल्ड बांड स्कीम के अंतर्गत रिजर्व बैंक (RBI) सरकार की ओर एक खास कैलेंडर के अनुसार हर फाइनेंसियल ईयर में लगभग दो बार Sovereign Gold Bond (SGB) जारी करती है। ये बॉन्ड्स आप बैंकों और पोस्ट ऑफिस में ग्राम के मूल्य पर खरीद सकते हैं। इन बॉन्ड्स को बाद में सोने के दाम से लिंक किया जाता हैं और निवेशक बॉन्ड के मूल्य को कैश या ऑनलाइन पे करके खरीद सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत एक Financial year में एक व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम और अधिकतम 500 ग्राम के सोने में Sovereign Gold Bond के जरिये निवेश कर सकता है। SGB बॉन्ड पर निवेशक को 2.5% प्रतिशत का वार्षिक ब्याज भी मिलता है। यह इंट्रेस्ट साल के शुरुआती वैल्यू ऑफ इन्वेस्टमेंट के आधार पर अर्द्धवार्षिक देय होगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की कुछ खास बातें ||Sovereign Gold Bond Scheme Facts
जैसा कि आपको सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की थोड़ी जानकारी होगई होगी। आइये अब जानते हैं गोल्ड बांड स्कीम कुछ बातें जो इस स्कीम में निवेश करने से पहले जननी जरूरी हैं :
- इन्वेस्टर को सोने की सुरक्षा चिंता करने की जरूरत नहीं होती क्युकी यह एक सरकारी योजना है, ऐसे में सोने की शुद्धता की भी गारंटी होती है।
- SGB स्कीम में सबसे छोटा बॉन्ड 1 ग्राम सोने के बराबर होता है और एक व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। निवेशक के बॉन्ड खरीदने की कुल सीमा 4 किलो है वहीं किसी संगठन के लिए 20 किलो रखी गई है।
- गोल्ड बांड में निवेशक को 2.5% प्रति वर्ष का ब्याज मिलता है| सोने में निवेश के किसी और तरीके में आपको यह ब्याज नहीं मिलता।
- Sovereign Gold Bond में निवेशक को मिनिमम 1 ग्राम के बराबर मूल्य का बांड खरीदना होता है जिसका मूल्य उस वक्त के गोल्ड पर निर्भर करता है।
- SGB गोल्ड बांड का मछुआरिटी समय 8 वर्ष का होता है। आप अपने बांड को 5वें,6वें और 7वें वर्ष में भी वापस कर के पैसे ले सकते हैं।
- 8 वर्ष के बाद आपको अपना गोल्ड बांड सरकार को वापस करना होता है। आपको उस वक़्त के गोल्ड के मूल्य के हिसाब से पैसे देदिए जाते हैं।
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कौन निवेश कर सकता है?
वह व्यक्ति जो भारत में निवास करता हो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकता है। वह अपने स्वयं के लिए, किसी दूसरे व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से व फिर नाबालिग की ओर से भी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकता है।
भारत में निवास करने वाले व्यक्ति को विदेशी मुद्रा प्रबंधन, अधिनियम, 1999 की धारा 2(यू) के साथ पठित धारा 2(वी) के तहत परिभाषित किया गया है जिसमे बांड धारक कोई विश्वविद्यालय, संस्थान या कोई ट्रस्ट भी हो सकता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से टैक्स बचत
फिजिकल सोना खरीद कर घर में/बैंक लाकर में रखने की बजाय अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करते हैं, तो आप टैक्स बचत होती है। 8 वर्ष बाद मेच्योर होने पर अगर आप सॉवरेन गोल्ड बांड सरकार को वापिस देते हैं तो आपको जो मुनाफा होता है उसपर कोई भी टैक्स नहीं देना होता। यदि आप 3 वर्ष से पहले SGB गोल्ड बांड बेचते हैं, तो आपको होने वाले मुनाफे पर अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कैसे खरीदें?
रिजर्व बैंक (RBI) सरकार की ओर एक खास कैलेंडर के अनुसार हर फाइनेंसियल ईयर में लगभग दो बार Sovereign Gold Bond (SGB) जारी करती है। निवेशक यदि सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश करना चाहते हैं वे अपने बैंक, ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर जैसे Zerodha,Upstox , चुनिंदा पोस्ट ऑफिस, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) या बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से खरीद सकते हैं।
Zerodha से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कैसे खरीदें?
आपने तो ये जान लिया की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम क्या होती है , अब आइए ये जानते की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कैसे खरीदें। RBI द्वारा हर साल सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते हैं। बॉन्ड प्रति वर्ष एक निश्चित ब्याज देता है जो वर्ष में दो बार भुगतान किया जाता है। सॉवरेन गोल्ड बांड स्टॉक एक्सचेंज में भी सूचीबद्ध होते हैं और RBI के बांड निकालने के 10-15 दिन बाद निश्चित समय के लिए Zerodha KITE काइट पर खरीदने के लिए उपलब्ध होता है।
ज़ेरोधा Zerodha Kite के माध्यम से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए अपनी ID और Zerodha Kite में लॉगिन करें और बोली लगाएं। बोली लगाने के 10 से 15 दिन में आपकी होल्डिंग में बांड शो करने लगेगा।
आप Zerodha Coin से सॉवरेन गोल्ड बांड RBI के इशू के तुरंत बाद खरीद सकते हैं। आप बांड को निश्चित इशू समय के अंदर ही बिड कर सकते हैं।
ज़रोधा Zerodha के साथ खाता खोलें और ज़ेरोधा के माध्यम से सॉवरेन गोल्ड बांड में सुरक्षित निवेश करना शुरू करें। खता खोलने के लिए लिए लिंक पर क्लिक करें –
सॉवरेन गोल्ड बॉन्डमें निवेश के 5 फायदे | 5 benefit of Investing in Sovereign Gold Bond Scheme
आइए अब जानते हैं कि सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश करें के फायदे क्या हैं जिसके कारण यह निवेश करने का सबसे सुरक्षित माध्यम है :
- SGB गोल्ड बांड किसी फिजिकल गोल्ड की तरह नहीं होता जिससे आपको इसके चोरी होने या खो जाने के डर नहीं होता।
- आप खरीदे गए गोल्ड बांड को गिरवी रख कर गोल्ड लोन भी ले सकते हैं।
- सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम RBI द्वारा इशू होती है , इसलिए इसकी सोने की सुद्धाता 99.9% प्रतिसत होती है जोकि फिजिकल गोल्ड में संभव नहीं है।
- मेचुरित्य पीरियड तक निवेश में बने रहने के बाद हुए मुनाफे में किसी भी प्रकार का TAX नई देना होता।
- निवेशक को 2.5% की दर से अतिरिक्त ब्याज भी मिलता है जोकि फिजिकल गोल्ड में संभव नहीं है। साथ ही फिजिकल गोल्ड में आपको मेकिंग चार्ज भी लगता है।
निष्कर्ष:
इस ब्लॉग आर्टिकल को लिखने का मुख्य उद्देस्य सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्या है? What is Sovereign Gold Bond Scheme, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कैसे खरीदें और सुरक्षित निवेश के प्रति लोगों को पूरी जानकारी देना था।
निवेश करने के और सरक्षित तरीकों के बारे में जानने के लिए जानकारी4U पेज के Bell Icon को जरूर दबाएं। जानकारी कैसे लगी कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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