हमने बचपन से सुना है की दिवाली एक दीपों का त्यौहार है। दिवाली वाले दिन हम अपने पूरे घर में दीप जलाते हैं और अपने फैमिली या फिर फ्रेंड के साथ इस त्यौहार को मिलकर सेलिब्रेट करते हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि दिपावली क्यों मनाते हैं और दीवाली को सेलिब्रेट करने के भी कुछ बड़े कारण और पौराणिक कहानियां क्या हैं । यदि आप इन बातों से अनजान हैं, तो कोई बात नहीं यह पोस्ट आपके लिए ही लिखा गया है। अगर आप भी दिवाली पर निबंध इन हिंदी के तलाश में है, तो इस लेख को लास्ट तक पढ़े। आज की इस लेख में हम आपको दिवाली क्यों मनाया जाता है इसके बारे में जानकारी शेयर करने वाले हैं। इस लेख को अंत तक पढ़ने के बाद आप एक बात तो अच्छे से समझ जाएंगे कि भले ही आप किसी भी धर्म के हो लेकिन आपको दिवाली क्यों मनानी चाहिए ये अवश्य समझ जाएंगे।
जैसा कि हम जानते हैं कि माता लक्ष्मी जो की धन की देवी मानी जाती हैं और शास्त्रों और हिंदू धर्म के मुताबिक यह व्याख्या किया जाता है कि जब समुद्र मंथन हो रहा था उस समय कार्तिक मास की अमावस्या के दिन समुद्र मंथन करते वक्त ही धन की देवी मां लक्ष्मी जी जन्म हुआ था। यही वजह है की हम लोग मां लक्ष्मी जी की पूजा करके उनके जन्मदिवस को सेलिब्रेट करते हैं।
दिवाली से जुड़ी कुछ पुरानी कहानियों में से एक इसको भी माना जाता है। हमारे बड़े बूढ़े हमे बताते है और कई हिंदू कथाओं में भी यह दर्शाया गया है कि विष्णु भगवान ने अपना पांचवा अवतार वामन अवतार लिया था। हिंदू कथाओं की बात करें, तो यह काफी प्रसिद्ध कथा है और इस कथा में यह बताया गया है की मां लक्ष्मी को राजा बली के चंगुल से विष्णु भगवान ने ही बचाया था। इसलिए दिवाली वाले दिन हम लोग पूरे श्रद्धा और मन से माता लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं और इस दिन को हम सभी खुशियां ही खुशियां बांटते हैं।
पुरानी कथाओं के अनुसार, हमने महाभारत में देखा और सुना है कि पूरे 12 वर्षो के बाद अमावस्या के दिन ही पांडवों की वापसी हुई थी। और इस दिन ही पांडवों की वापसी में प्रजा ने इसका स्वागत दीप जलाकर किया था। दिवाली मनाने का यह भी एक बड़ा कारण है।
रामायण की कथा तो आप सभी ने अवश्य देखी होगी। एक दिन था जब कुछ ही लोग रामायण की कथा के बारे में जानते थे। लेकिन हाल ही में कोरोना वायरस के दौरान हर किसी ने रामायण देखा। खैर हमारे कहने का तात्पर्य इस प्रकार है कि अमावस्या के दिन ही भगवान श्री राम, लक्ष्मण और सीता जी ने लंका पर जीत हासिल किया था। वनवास और लंका पर जीत अर्जित करके जब प्रभु श्री राम, लक्ष्मण और सीता जी अयोध्या लौटे तो उनके आने के खुशी में अयोध्या के सारी प्रजा ने उनके स्वागत में दिया जलाया था। इसलिए हम लोग दिवाली प्रभु श्री राम जी की जीत की खुशी में भी सेलिब्रेट करते हैं।
आपने पुरानी कहानियों में राजा विक्रमादित्य का नाम तो अवश्य सुना होगा। इस राजा को हम एक उदारता, साहस और वीरता के नाम से जानते हैं। अच्छी बात तो यह है कि इस पराक्रमी राजा का राजतिलक भी दिवाली वाले दिन ही हुआ था। अब दिवाली सेलिब्रेट करने की यह भी एक बड़ी वजह है।
दिवाली के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है पूजा। अब हम आपको दिवाली पर पूजा विधि से संबंधित सभी जानकारी देने वाले हैं। दिवाली के दिन शाम के समय आपको मां लक्ष्मी जी की पूजा करनी होती है। जिसकी तैयारी के लिए आपको नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करनी होगी।
दिवाली पर क्या नहीं करना चाहिए ?
दिवाली मनाने के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है की हमें दिवाली पर क्या नहीं करना चाहिए। तो इन शुभ दिनों में आपको सूरज निकलने के बाद नहीं उठाना चाहिए। आपके ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपके घर नहीं आती है।
निष्कर्ष :
आशा करता हूँ , आप सभी को दीवाली मनाने से जुडी पौराणिक कहानियों की पूरी जानकारी मिल चुकी होगी। दिवाली पर निबंध hindi me जैसे विषयों के लिए भी आप हमारे लेख का सहारा ले सकते हैं।
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