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NRC : ना आएं किसी बहकावे में ! जाने NRC से जुड़ी पूरी जानकारी

दोस्तो NRC के बारे में लोगो को सही जानकारी न होने से उन्हें काफी गलत अवधारणा रहती है । इसलिए NRC होने का सही कारण और इसके पीछे का इतिहास जानना बहुत जरूरी है। हमने देखा किस प्रकार से सही जानकारी के आभाव होने के कारण देश की राजधानी दिल्ली में दंगे हुए, कई लोगों की जाने गईं। ।  जैसा की यह नाम से ही पता चलता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं? इसके बारे में NRC में पता चलता है।  जिस व्यक्ति के नाम एनआरसी में शामिल नहीं होते हैं, उन्हें अवैध नागरिक माना जाता है। आज का ब्लॉग आर्टिकल आप सभी को NRC का मतलब क्या होता है? what is NRC in Hindi, NRC का Full Form in Hindi  , NRC के फायदे और नुकसान और NRC के इतिहास की जानकारी के ऊपर आधारित है। 

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NRC का फुल फॉर्म क्या है ? Full Form of NRC in Hindi

NCR जिसका फुलफॉर्म “नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस” National Register of Citizen  होता है, जिसे हिंदी में  राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर भी कहते  है, इससे पता चलता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं है ? जिस व्यक्ति का सिटिजनशिप रजिस्टर में नाम नहीं होता उसे अवैध नागरिक माना जाता है। देश में असम ही इकलौता ऐसा राज्य है जहां सिटिजनशिप रजिस्टर की व्यवस्था लागू होती है।  NRC को लागू करने का मुख्य उद्देश्य राज्य में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों खासकर बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करना है।  इसकी पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चलती है।  इस प्रक्रिया के लिए 1986 में सिटीजनशिप एक्ट में संशोधन कर असम के लिए विशेष प्रावधान किया गया। 

NRC क्या मतलब होता है ? (What is NRC Meaning in Hindi)

दोस्तों मैं यहां आप सब को यह बताना चाहता हूँ की भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) भारतीय की नागरिकता की पहचान के लिए होता है जिसमे भारत सरकार लोगों का नाम रजिस्टर करती है जिससे ये पता चलता है की ये लोग हमारे देश के नागरिक है और जो लोग किसी भी कारण से इसमें रजिस्टर नहीं करवा पाते है वो लोग दूसरे देश के लोग कहलाते है जिससे हमारे देश की सरकार को पता चल जाता है की ये लोग दूसरे देश के है और उनपे किसी भी तरह का एक्शन ले सकते है।यानी उन लोगों को उनके देश भेजा जाता है ।

भारत सरकार ने इस प्रक्रिया को सन 1986 में सिटीजनशिप एक्ट में संशोधन कर असम के लिए विशेष प्रावधान जारी किया था , जिससे उन्ही लोगो को इस रजिस्टर में शामिल किया गया था जो लोग असम में 12 साल से रह रहे है। यानी की सन 1971 से पहले के लोगों को असम के नागरिक माना जाता है। 

NRC का इतिहास क्या है ? History of NRC 

आईए जानते है NRC के इतिहास के बारे में की NRC कब और क्यों अस्तित्व में आया । अभी तक हमारे देश में केवल एक ही ऐसा स्टेट था जिसमे NRC लागू हुआ था  जिसका नाम असम है । लेकिन 20 नवम्बर 2019 को भारत के गृहमन्त्री अमित शाह जी ने संसद में घोषणा की थी कि इस रजिस्टर को अब पूरे भारत में विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि इसे भारत की जनगणना 1915 के बाद 1951 में तैयार किया गया था। इस जनगणना के बाद बताए गए सभी व्यक्तियों के विवरणों के आधार पर तैयार किया गया था। जो लोग असम में बांग्लादेश बनने के पहले (25 मार्च 1971 के पहले) आए है, केवल उन्हें ही भारत का नागरिक माना जाएगा। 

भारत में एक ही ऐसा पहला राज्य असम है जिसके पास राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC ) है। भारत में नागरिकता के लिए प्रस्तुत लगभग दो करोड़ से अधिक दावों (जिसमे लगभग 38 लाख लोग ऐसे भी थे जिनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावजों सही नही थे ) की जाँच पूरी होने के बाद न्यायालय द्वारा NRC के पहले रजिस्टर को 31 दिसंबर 2017 तक लांच करने का आदेश दिया गया था। कानूनी तौर पर भारत के नागरिकता की पहचान प्राप्त करने के लिए असम में लगभग 3.29 करोड आवेदन प्रस्तुत किये गए थे, जिनमें से कुल 1.9 करोड़ लोगों के नाम को ही इसमें शामिल किया गया है।

NRC भारत में क्यूं जरूरी है? Importance of NRC in India

NRC की जरूरत को जानने के लिए हमे पहले हमारे देश के इतिहास को जानना होगा।पहले हमारा देश बहुत बड़ा हुआ करता था लेकिन कुछ कारणो से हमारा देश कई भागों में अलग हो गया है और हिंदुस्तान व पाकिस्तान 2 देश बन गए। और जब ऐसा हुआ तो कुछ लोग भारत में रह गए और कुछ लोग पाकिस्तान चले गए लेकिन जो लोग पाकिस्तान गए उनकी कुछ सम्पति भारत में ही रह गई जिसके कारण से कुछ लोग भारत में आना जाना शुरू कर दिए।

जिसकी वजह से लोगों में यह नहीं मालूम पड़ता था की कौन भारतीय है और कौन दूसरे देश का, तो उसी में हमारे देश को बहुत से मुश्किलों का सामना करना पड़ा जिसकी वजह से हमारे देश की सुरक्षा पर बहुत प्रभाव पड़ता था। क्यूंकि बहुत सारे आतंकवादी हमारे देश आ जाते थे और देश का नुकसान किया करते थे तो इसी को जानने के लिए की कौन भारत देश नागरिक है और कौन दूसरे देश का नागरिक है, इसे जानने के लिए NRC की जरूरत पड़ी।

NRC होने के फायदे? Benefits of NRC

NRC होने का सबसे बड़ा पहला फायदा यह होता है की हमारा भारत सरकार बहुत आसान तरीके से दूसरे देश के लोगों की पहचान कर पता है। और दूसरा फायदा यह होता है की भारत सरकार बहुत आसानी से भारत के नागरिक की पहचान कर पता है जिससे भारत में होने वाली घुसपैठ का आसानी से पता लगाया जा सकता हैं और भी कई सारे फायदे है NRC करने के होते है लेकिन अगर सही तरीके से जांच ना की जाए तो नुकसान भी बहुत होता है।

NRC होने के नुकसान

दोस्तों NRC का सबसे पहला नुकसान यह है कि अगर आप अपना प्रूफ साबित नहीं कर पाते है तो आप दूसरे देश के नागरिक माने जायेंगे और ये proof आपको 1971 से आपको अपना दस्तावेज साबित करना होगा । यानी आपको इसमें अपने दादा-दादी के दस्तावेज साबित करने होते है।यानी की किसी भी तरह से आपको अपने रिलेशन को 25 साल से पहले साबित करना होगा।

जोकि सरकार का यह फैसला कोई गलत भी नहीं हैं, क्योंकि अगर आप पिछले 25 से ज्यादा सालो से यहाँ रह रहें हैं। तो आपके डॉक्युमेंट्स तो कम्पलीट ही होंगे। 

NRC में रजिस्ट्रेशन प्रूफ के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज | Important documents for NRC Registration Proof 

NCR में रजिस्टर करवाने के लिए आपको सरकार द्वारा जारी किये गए निम्न Documents की जरुरत पड़ती है। जिसमे आपको चाहिए:–

  1. LIC की बीमा पॉलिसी
  2. जमीन और किरायेदारी के सारे डॉक्यूमेंट
  3. जन्म प्रमाण पत्र
  4. ऑथोरिटी द्वारा जारी लाइसेंस/प्रमाण पत्र
  5. बैंक या पोस्ट ऑफिस में आपके एकाउंट्स
  6. किसी भी स्टेट या यूनिवर्सिटी से प्राप्त शिक्षण प्रमाण पत्र
  7. नागरिकता प्रमाण पत्र
  8. न्यायलय रिकॉर्ड से जुड़े दस्तावेज आदि।
NRC की 7  महत्वपूर्ण बातें |  7 Important facts about NRC 

आइए अब NRC के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते है ।

  1. पहली बार NRC का निर्माण सन 1951 में किया गया था।
  2. भारत के विभाजन के समय भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ था जिसमे बहुत सारे बांग्लादेशी भारत में आए थे ।
  3. असम में सन 1970–1980 के बीच बहुत ही तेजी से जनांकिकीय परिवर्तन हुआ इसके कारण बहुत सारे अवैध शरणार्थियों और राज्य के निवासियों के बीच सामाजिक, जातीय और वर्ग-संघर्ष प्रारम्भ हो गया था।
  4. सन 1979-85- ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेतृत्व में असम विद्रोह शुरू किया गया था। इस विद्रोह को ऑल असम गण संग्राम परिषद का समर्थन प्राप्त था ।
  5. सन 1985- में असम समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे और 1951 में प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को विस्तारित किया गया था।
  6. सन 2012-13- असम में सर्वोच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया और केंद्र सरकार को NRC को अपडेट करने का निर्देश प्रदान किया गया 
  7. 31 अगस्त 2019- को NRC की अंतिम सूची जारी की गयी थी ।जिसमे करीब 19 लाख लोग को सूची से बाहर कर दिया गया था । इस पर NRC में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था।

निष्कर्ष :

आशा करता हूँ आप सभी को NRC क्या होता है? NRC Full – Form इन हिंदी एवं इसके इतिहास की पूरी जानकारी होगई होगी। यदि आपको यह लेख अच्छा लगा और कुछ न्य जानने को मिला तो कृपया इसे जरूर शेयर करें जिससे लोगों के बीच NRC से जुड़े भ्रम दूर हो सकें और समझ सकें की NRC देश के लिए क्यों जरूरी है।