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(SEBI) सेबी क्या है? | SEBI के कार्य क्या है? | SEBI Full Form

आशा करता हूँ आप सभी को मेरे निवेश से जुड़े ब्लॉग आर्टिकल स्टॉक मार्केट क्या है? और Mutual Fund क्या है? जरूर पसंद आये होंगे। पर क्या आपको मालूम है इन दोनों बाज़ारों की निगरानी कैसे और कौन करता है? SEBI का नाम सब सुनते आरहे हैं पर इसकी पूरी जानकारी बहुत ही कम लोगों के पास है। (SEBI) सेबी क्या है? What is SEBI in Hindi, SEBI कैसे काम करती है?  (SEBI) सेबी के कार्य क्या हैं? 2023 में SEBI सेबी के अधिकार,SEBI Full Form क्या है, इन सभी सवालों की जानकारी एक नए निवेशक के पास होना बहुत जरूरी है। तो आइए बिना देरी किए जानते हैं , सेबी क्या है ? 

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( SEBI) सेबी क्या होता है ? | What is SEBI and Full Form in Hindi me 

अगर बाजार में कोई भी बिज़नेस है तो उसे मॉनिटर करने के लिए एक संस्था की आवश्यकता होती है। जैसे भारत में बैंको को मॉनिटर करने के लिए RBI है, उसी तरह शेयर बाजार को मॉनिटर करने के लिए सेबी अस्तित्व में आया।

सेबी के आने से पहले, बाजार  में धोखाधड़ी या स्कैम बहुत सामान्य बात थी। आपने हर्षद मेहता का स्कैम तो सुना  ही होगा। कैसे हर्षद मेहता ने इनसाइडर ट्रेडिंग और अन्य इलीगल प्रैक्टिस के जरिए स्कैम किया था।

इन सब कारणों की वजह से ही, सरकार ने एक संस्था को स्थापित करने का फैसला लिया, जो देश में प्रतिभूति बाजार (Securities Market) के नियामक (Regulator) के रूप में काम करता हो।

इसलिए सेबी (SEBI Full Form) जिसका हिंदी में नाम  भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम (Securities and Exchange Board of India Act),है , के अनुसार वैधानिक निकाय के रूप में लागू हुई।

तो अब आप सब को सेबी के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी मिल गयी होगी कि सेबी SEBI क्या है? और क्यों इसकी आवश्यकता पड़ी। चलिए अब आगे सेबी का पूर्ण रूप क्या है और इसके इतिहास से बारे में जानते है। 

SEBI सेबी का इतिहास | History of SEBI in Hindi me 

इसकी स्थापना पूर्ण तौर पर वर्ष 12 अप्रैल 1988 में भारत सरकार द्वारा की गई और भारतीय संसद द्वारा जारी की गई  सेबी अधिनियम, 1992 के साथ 13 जनवरी 1992 में इसे वैधानिक अधिकार दिया गया था।

सेबी का मुख्यालय मुंबई में बांद्रा कुर्ला परिसर के व्यावसायिक जिले में हैं जो की  नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी व पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय हैं।

सेबी से पहले कंट्रोलर ऑफ़ कैपिटल इश्यूज (Controller of Capital Issues) एक नियामक प्राधिकरण (Regulatory Authority) था। इसे कैपिटल इश्यूज़ (कंट्रोल) एक्ट, 1947 के तहत अधिकार दिया गया।शुरुआत में, सेबी बिना किसी वैधानिक शक्ति के एक गैर वैधानिक निकाय था।


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सेबी फुल फॉर्म | SEBI Full Form of 

SEBI सेबी का Full Form है  (Securities and Exchange Board of India) होता है। जिसे हिंदी में  भारतीय प्रतिभूति और विनयम बोर्ड भी कहा जाता है।इसे स्थापित करने के पीछे का  मुख्य उद्देश्य शेयर बाज़ार को संरक्षण देना और निवेशकों के हितो की रक्षा करना था ।

सेबी की संरचना (Structure of SEBI)

SEBI के Full Form तो अपने जान लिया , आइये अब बात करे सेबी के संरचना या ढांचे की तो सेबी के पास एक कॉरपोरेट ढांचा है जिसमें विभिन्न विभाग शामिल हैं जो एक विभाग प्रमुख द्वारा नियंत्रित होते हैं। उनमे से कुछ विभाग इस से  प्रकार हैं:
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक
  • मानव संसाधन
  • सामूहिक निवेश योजनाएं
  • कमोडिटी और डेरिवेटिव मार्केट रेगुलेशन
  • कानूनी मामलों का विभाग
  • निगम वित्त विभाग (Corporation Finance Department (CFD)
  • Department of Economic and Policy Analysis (DEPA)
  • Department of Debt and Hybrid Securities (DDHS)
  • Enforcement Department – 1 (EFD1)
  • Enforcement Department – 2 (EFD2)
  • Enquiries and Adjudication Department (EAD)
  • General Services Department (GSD)
  • Information Technology Department (ITD)
  • Integrated Surveillance Department (ISD)
  • Investigations Department (IVD)
  • निवेश प्रबंधन विभाग (Investment Management Department (IMD))
  • विधि कार्य विभाग (Legal Affairs Department (LAD))
  • Market Intermediaries Regulation and Supervision Department (MIRSD)
  • Market Regulation Department (MRD
  • Office of International Affairs (OIA)
  • Office of Investor Assistance and Education (OIAE)
  • Office of the Chairman (OCH)
  • Regional Offices (RO’s)

सेबी के संगठन ढांचे में 9 सदस्य शामिल होते है। जिसमे से एक अध्यक्ष को भारत सरकार द्वारा चुना जाता है। 2 सदस्य केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारी होते हैं और RBI से 1 सदस्य 5 अन्य सदस्य जिन्हें भारत सरकार द्वारा चुना जाता है।

SEBI सेबी की स्थापना का उद्देश्य  (Objective Of Setting Up SEBI) 

सेबी का मुख्य उद्देश्य भारतीय स्टाक निवेशकों के हितों को एक उत्तम संरक्षण प्रदान करना है और प्रतिभूति बाजार के विकास तथा नियमन को प्रवर्तित करना है। सेबी को एक गैर वैधानिक संगठन के रूप में स्थापित किया गया था जिसे SEBI ACT1992 के अन्तर्गत वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है। 

सेबी के मुख्य उद्देश्य निम्न प्रकार से होते है ;- 

  • शेयर मार्किट पर नज़र रखना। 
  • दलालों पर नियंत्रण
  • इनसाइडर ट्रेडिंग की जाँच करना
  • निवेशकों को संरक्षण
  • स्टॉक एक्सचेंजों का विनियमन

सेबी के कार्य  (Functions Of SEBI)

सेबी के मुख्य कार्य निम्न प्रकार से होते है ;-

  • प्रतिभूति बाजार में निवेशको के हितों का संरक्षण तथा प्रतिभूति बाजार को उचित उपायों के माध्यम से विनियमित एवं विकसित करना।
  • Stock Exchange ,Mutual Fund हाउस तथा किसी भी अन्य Securities बाजार के व्यवसाय का नियम तय करना।
  • स्टॉक ब्रोकर्स, सब-ब्रोकर्स, शेयर ट्रान्सफर एजेंट्स, ट्रस्टीज, मर्चेंट बैंकर्स, अंडर-रायटर्स, गोल्ड एक्सचेंज, पोर्टफोलियो मैनेजर आदि के कार्यो का नियमन करना एवं उन्हें पंजीकृत करना।
  • म्यूचुअल फण्ड की सामूहिक निवेश योजनाओ को पंजीकृत करना तथा उनका नियमन करना।
  • पुँजियो के बाजार से सम्बंधित Unfair Trade Practices को समाप्त करना।
  • पूंजी बाजार से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करना तथा निवेशकों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना।
  • प्रतिभूतियों की इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाना।
सेबी की शक्तियां और अधिकार | Power of SEBI in Hindi 
चूंकि प्रतिभूति कानून का उल्लंघन करने वाले लोग नए तरीके और प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करते हैं, लिहाजा उनसे लड़ने के लिए सेबी भी योजनाएं बनाता है। सेबी के इन्हीं कार्यों को देखते हुए इसे कई शक्तियां दी गई हैं।
  • SEBI निरीक्षण और अन्य उद्देश्यों के लिए  व्यवसाय के लेनदेन के बारे में शेयर बाजारों और बिचौलियों से कभी भी जानकारी ले सकता है।
  • नियमों का उल्लंघन करने पर यह बिचौलियों और अन्य प्रतिभागियों पर आर्थिक दंड लगा सकता है। यहां तक कि  यह उन्हें अल्पावधि के लिए निलंबित भी कर सकता है।
  • इसके पास इनसाइडर ट्रेडिंग अथवा मर्चेंट बैंकरों के कार्यों को नियमित करने का भी अधिकार है।
  • कुछ कंपनियों को एक या एक से अधिक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने के लिए भी यह मजबूर कर सकता है। 
  • दलालों का पंजीकरण करना भी सेबी के कार्यों का ही हिस्सा है।
सेबी SEBI के वर्तमान अध्‍यक्ष कौन हैं? | Who is the present President of SEBI 2021

वर्तमान समय में सेबी के अध्यछ श्री अजय त्यागी हैं जिन्होंने मार्च 2017 में अपना कार्यभार संभाला था । सेबी के अध्यक्ष को केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है हालाँकि, इनका कार्यकाल 1 मार्च 2020 को पूरा हो गया था, लेकिन सरकार ने इनके कार्यकाल को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है।

एक सेबी के अध्यछ का कार्यकाल  5 वर्ष या 65 वर्ष पूरा होने तक में हो सकते हैं (दोनों में से जो भी पहले पूर्ण हो जाए )। हालाँकि, सरकार ने इनके कार्यकाल को 2 साल कम करने के फैसला किया है।जिससे वर्तमान सेबी अध्यक्ष का कार्यकाल केवल 3 साल तक का है।

निष्कर्ष :

आशा करता हूँ आपको हमारा यह आर्टिकल SEBI सेबी क्या है? What is SEBI in Hindi me ,SEBI Full Form कार्य और शक्तियों पसंद आया होगा और आपको कुछ नया सीखने को मिला होगा । हमने आपको सेबी के बारे में पूरी महत्वपूर्ण जानकारिया दी है। अगर आपको इस लेख के बारे में कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो comment box में अपने सुझाव  जरूर दे। 
धन्यवाद।