आप सभी का मेरी jankari4u.in के नए ब्लॉग पोस्ट पे स्वागत है। आज का हमारा ब्लॉग पोस्ट शास्त्रों में लिखी “जैसा अन्न वैसा मन ” Jaisa Ann Waisa Man इन्ही महत्वपूर्ण बातों पर आधारित है | हमारा भोजन हमारे चरित्र और मन दोनों को सामान्य रूप से प्रभावित करता है।आइए फिर जानते हैं कि हमारे भोजन का हमारे मन से क्या और कैसे सम्बन्ध है।
सुनने में यह बात भले ही छोटी लग सकती है लेकिन इसका सीधा सम्बन्ध हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से है। हमारा भोजन हमारे शरीर की सेहत के लिए ही नहीं जिम्मेदार होता बल्कि उसका सीधा सम्बन्ध हमारे मन को आकार देने में भी उतना ही है। आपके शरीर को रोज़मर्रा का कार्य करने की ऊर्जा देने का जितना योगदान भोजन का है उतना ही जरूरी है की वह भोजन आपके मन को भी उतना ही ऊर्जा-वान रखने में योगदान करे। इसलिए यह बहुत जरूरी है की इस बात का हम ध्यान रखें – जैसा अन्न वैसा मन/जैसा खाए अन्न, वैसा बने मन , जैसा अन्न हम ग्रहण कर रहे हैं क्या वो पौस्टिक है,हमारे शरीर और मन के लिए , या सिर्फ स्वाद के लिए हम उसको ग्रहण कर रहे हैं।
ऐसे आहार जिनकी विब्रेशनल ऐनर्जी कम है हमें उनसे बचना चाहिए ,आप एक स्वस्थ शरीर के साथ
दिन भर का कार्य तो पूर्ण कर सकते हैं लेकिन एकअस्वस्थ्य मन के साथ नहीं।
वो क्या है जो हमारे दिमाग को अपने काबू में रखता है?
जवाब है हमारा पेट – Stomach, जी हां ,हमारा पेट Brain-of-Brain कहलाता है। हमारे सभी इमोशन ,ख्याल,ख़ुशी , एक्सकिटमेंट पल भर में ओझल हो जाते हैं जैसे ही दिमाग का दिमाग ख़राब होता है, यानी जब हमारा पेट खराब होता है।
ब्रेन ऑफ़ ब्रेन
कहने का तात्पर्य यह है कि,हमारा खाना जितना पौष्टिक और सेहतमंद होगा उतना ही हमारे पेट क
लिए लाभ प्रद,और जितना खुशमिजाज हमारे दिमाग का दिमाग होगा,उतना ही खुशमिजाज हमारा मन।
ऊपर लिखित वाक्य का सीधा उदाहरण हमें रोज देखने को मिलता है –
आप सभी ने पेट्रोल पंप स्टेशन पे दो तरह के ईंधन ऑप्शन देखें होंगे-
● पहला, जो सस्ता होता है,यानी की कम रिफाइंड
● दूसरा,जो थोड़ा महंगा होता है,थोड़ा ज्यादा रिफाइंड
हमें अपनी गाडी को अच्छे और लम्बे समय तक बिना किसी समस्या के यदि चलाना हो तो दूसरे तरह क ईंधन का उपयोग करने क़ी सलाह दी जाती है।
ब्रेन brain
अपने वाहन को तो हम फिर भी बंद कर सकते हैं, लेकिन हमारा दिमाग तो 24 X 7 उठते, बैठते, सोते चलता रहता है। ये हमारी धड़कन,साँसों,महसूस करना,इन सब का ख्याल हमारा दिमाग रखता है।क्या ये हमारी जिम्मेदारी नहीं कि हमें उन चीजों का ही सेवन करना चाहिए जो पौष्टिक हों Vitamins, Minerals से सम्पूर्ण हों ,जिससे हमारा मन दिन भर खुस-मिजाज ,हशमुख बना रहे।
Health Benefits of Mango in Hindi
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न्यूट्रिशनल साइकेट्री क्या है ? Nutritional psychiatry hindi meaning
यह विज्ञान का वह छेत्र है जिसमें हमारे अन्न का हमारे मन और हमारी आदतों पे क्या असर पड़ता
है,इसके सम्बन्धों और प्रभाव के बारे में जानकारी एकत्र/पढाई की जाती है। काफी अजीब सी बात है पर हमारा अन्न, हमारे बर्ताव, बात करने क तरीके और यह तक की हमारी आदतों तक को प्रभावित करता है।
अगर कोई सही ढंग से भोजन नहीं करता है, तो निश्चित रूप से वह सही ढंग से सो नहीं सकता, सही ढंग से प्रेम नहीं कर सकता और ना ही सही ढंग से कुछ सोच सकता है।– वर्जीनिया वूल्फ
जिस प्रकार से हमारे विचार और मूल्य हमारे अनुभवों से आकार लेते हैं, हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य हमारे आहार से प्रभावित होता है।यह साबित हुआ है कि मानसिक स्वास्थ्य और दिमाग की गुणवत्ता को हमारे आहार पैटर्न सीधे तौर पे
प्रभावित करते हैं।
उदाहरण के तौर समझते हैं :
जब आप हरी सब्जियों के बजाए एक ऑयली बर्गर या तेल में तला हुआ समोसा खाते हैं, तो क्या आप
अपने मन की स्थिति को बिगड़ते हुए महसूस करते हैं या सुधरते हुए महसूस करते हैं हुए ? क्या तब आपको कोई फैसला लेने में आसानी होती है या मुश्किल आती है?
सोर्स – Google | by – Swarntabh Kumar
हमारा भोजन निर्धारित करता है कि हमारा मस्तिष्क कितनी अच्छी तरह से सोचने में सक्षम है।
मानसिक स्वास्थ्य तर्कसंगत निर्णय लेने, रोजमर्रा की जिंदगी में काम करने और दुनिया की धारणाएं
बनाने की आपकी क्षमता को प्रभावित करता है।
यह स्पष्ट करना जरूरी हो जाता है कि आपका मानसिक स्वास्थ्य और आपकी मानसिकता एक ही बात नहीं है। आपकी मानसिकता आपके अपने व्यक्तिगत विश्वासों पर आधारित होती है और यह निर्धारित करती है कि आप अपने लिए फैसले पे क्यों अडिग हैं। वहीँ ,आपका मानसिक स्वास्थ्य आपका यह चुनाव करने की क्षमता में योगदान देता है।
हम सभी जानते हैं कि अस्वास्थ्यकर आहार (प्रोसेस्ड फ़ूड) का सेवन करने से हृदय रोग,मोटापा, मधुमेह (डाईबेटिस) और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है , साथ ही साथ प्रोसेस्ड फ़ूड हमारे दिमाग को भी क्षति पहुंचाता है।
बहुत अधिक ट्रांस वसा (ट्रांस फैट) धीरे-धीरे न्यूरल संचार को नष्ट करने लगता है। दूसरी ओर, अमीनो एसिड पोषक तत्वों की कमी के कारण मानसिक बीमारियां विकसित होने लगती हैं, जो आगे चलकर अवसाद यानी की डिप्रेशन का रूप लेती हैं। प्रोसेस्ड व जंक फ़ूड से हमारी सीखने और अच्छा सोचने की क्षमताओं पर काफी प्रभाव पड़ता है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक – gastrointestinal track
डाइजेशन के दौरान हमारा शरीर सेरोटोनिन (Serotonine) नामक हार्मोन रिलीज़ करता है। सेरोटोनिन (Serotonine) हार्मोन ,यह हैप्पी हार्मोन फैमिली का सदस्य है जो व्यक्ति के मूड स्विंग को प्रभावित करता है। यह हार्मोन एक मूड बूस्टर की तरह काम करता है।
95% सेरोटोनिन हार्मोन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक जेसे मुह, पेट, आंत जैसी पाचन वाली जगाहों पर मौजूद होते हैं।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक हमरे न्यूरॉन से जुडा होटा है, पाचन तंत्र केवल खाना पचाने में नहीं मदद करता बल्कि सेरोटोनिन भी रिलीज़ करता है जो आपके इमोशन ,मूड को प्रभावित करता है। हम जिस तरह का खाना खाते हैं हमारा शरीर उसी प्रकार का सेरोटोनिन रिलीज करती है।
हम पौष्टिक आहार खाते हैं तो दिमाग को स्वस्थ और अच्छा महसूस होता है और यदि जंक ,प्रोसेस्ड खाते हैं तो अस्वस्थ्य महसूस होता है।
तनाव मुक्त हों- खाना खाने के दौरान और बाद में, पहले शांत साँस लेने की कोशिश करें। ऑक्सीजन शरीर में एक पूरक की तरह काम करता है।
गति कम करें – भोजन करने के लिए खुद को अधिक समय दें, और अपनी गति पर ध्यान दें।
नोटिस करें- डाइजेशन सिस्टम एक फीडबैक सिस्टम की तरह होता है। खाने के बाद आप कैसा महसूस करते हैं, इस पर ध्यान दें। क्या आपको नींद लगती है? उदास महशूस होता है ? उत्साह की अनुभूति होती है। विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बदल कर प्रयोग करें और देखेें कि आपके लिए सबसे अच्छे परिणाम किसमें मिलता है।
प्रशंसा करें – भोजन की प्रशंसा करना हमारे डाइजेस्टिव रिस्पांस को सक्रिय करता है और पाचन में मदद करता है। तो जितना अधिक आप अपने भोजन का लाभ उठाते हैं, उतना ही आपके लिए बेहतर होता है।
निष्कर्ष :
इस ब्लॉग को लिखने का मुख्य उद्देस्य जैसा अन्न वैसा मन Jaisa Ann Waisa Man लिखित विचारों में सम्बंद को उजागर करना मात्र है। आशा करता हूँ इस ब्लॉग के माध्यम से उन विद्यार्थियों को भी सुविधा मिलेगी जो जैसा खाए अन्न, वैसा बने मन पर 300 – 600 शब्दों का निबंध लिखने के लिए एक अच्छी जानकारी इंटरनेट पर सर्च करते हैं।
जानकारी कैसी लगी ? Comment बॉक्स में जरूर बताएं। जानकारी को शेयर जरूर करें।
आपके Comment प्रेरणास्रोत हैं-
धन्यवाद !
डिस्क्लेमर :
ब्लॉग पोस्ट “जैसा अन्न वैसा मन ” स्वास्थ्य और संबंधित विषयों के बारे में सामान्य जानकारी और चर्चा प्रदान करता है। इस ब्लॉग में लिंक या की गई सामग्री में दी गई जानकारी और अन्य सामग्री को चिकित्सीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए, और न ही यह जानकारी पेशेवर चिकित्सा विशेषज्ञता या उपचार का विकल्प है।
इस ब्लॉग और वेबसाइट पर व्यक्त की गई राय और विचारों का किसी भी शैक्षणिक, अस्पताल, स्थ्य अभ्यास या अन्य संस्थान से कोई संबंध नहीं है।
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33 Comments
सुधा सिंह
October 25, 2020 at 10:22 pmBahut hi acchi jankaari di tumne beta.god bless you
जानकारी4U
October 25, 2020 at 11:28 pmशुक्रिया
Pavan Yadav
October 25, 2020 at 10:33 pmaapki agli post ka intjar rahega singh sahab 👍🏻
जानकारी4U
October 25, 2020 at 11:41 pmजरूर भाई।
Kirti sharma
December 5, 2020 at 3:01 pmNice artice
Shivani Chitransh
October 25, 2020 at 10:49 pmYe blog kaafi leverage de raha hai.. Kyuki hmare jeevan ki Gaadi Sahi khane se he chalti hai… Thanks for additional information..!
जानकारी4U
October 25, 2020 at 11:41 pmधन्यवाद।
अनुभव सिंह
October 25, 2020 at 10:56 pm।।।।भोजन हैं जीवन, अन्न ही हैं परब्रह्म।।।।
बहुत ही सुंदर लेख ,और बहुत ही अच्छी बातें भी जानने को मिली।
जानकारी4U
October 25, 2020 at 11:40 pmकोशिश भी यही रहेगी
Vinay Singh
October 25, 2020 at 10:57 pm“जैसा अन्न वैसा मन ” Satya vachan mitra
जानकारी4U
October 25, 2020 at 11:39 pmजी शुक्रिया
Naresh
October 25, 2020 at 11:12 pmGood work. Very informative and interactive.
जानकारी4U
October 25, 2020 at 11:42 pmबहुत बहुत आभार।
Rajan pandey
October 25, 2020 at 11:15 pmVery nice go ahaed mere bhai👌
जानकारी4U
October 25, 2020 at 11:39 pmबहुत आभार।
Vinay Mishra
October 25, 2020 at 11:36 pmबहुत ही उम्दा। आपके ब्लॉग को पढ़ कर काफी कुछ नई जानकारियां प्राप्त हुई। मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद।
जानकारी4U
October 25, 2020 at 11:39 pmशुक्रिया भाई।
Payal Kanwar
October 25, 2020 at 11:54 pmNice blog . very informative
जानकारी4U
October 26, 2020 at 12:00 amजी शुक्रिया
Swapnil Sagar Mishra
October 26, 2020 at 8:01 amबहुत ही सुंदर.
जानकारी4U
October 26, 2020 at 5:55 pmशुक्रिया भाई
Ankita gupta
October 26, 2020 at 5:18 pmAmazing write-up! Useful post
जानकारी4U
October 26, 2020 at 5:55 pmधन्यवाद
Mayuri Verma
October 26, 2020 at 6:12 pm#भोजन हैं जीवन, अन्न ही हैं परब्रह्म#
Mayuri Verma
October 26, 2020 at 6:16 pmVery useful blog for us…
जानकारी4U
October 26, 2020 at 7:04 pmशुक्रिया
Chandan
October 26, 2020 at 8:14 pmBahut Badhiya…
जानकारी4U
October 26, 2020 at 8:25 pmधन्यवाद भैया
Supriya Srivastava
October 26, 2020 at 10:58 pmThis is too much important for us…. Little things but important 👍
Abhilash omer
October 28, 2020 at 1:40 amUsually I never comment on blogs but your article is so convincing that I never stop myself to say something about it. You’re doing a great job Man,Keep it up.
Om
November 2, 2020 at 2:06 pmWow acha he
Kirti sharma
November 8, 2020 at 11:22 amNice aricle
Arbaj khan
March 1, 2022 at 11:49 amI like your all post thank you..HEALTH SOLUTION